मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

सरदार भगतसिंह का

जीवन परिचय
सरदार भगतसिंह का नाम अमर शहीदों में सबस
प्रमुख रूप

लिय

जाता है। भगतसिंह का जन्
म 28
सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा
गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्त
सिख परिवार में हुआ था,जिसका अनुकूल प्रभाव उन
पर पड़ा था। उनके पिता का नाम सरदार किशन
सिंह और माता का नाम विद्यावती कौर था।
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यह एक सिख परिवार था जिसने आर्य समाज के
विचार को अपना लिया था। उनके परिवार पर
आर्य समाज व महर्षि दयानन्द की विचारधारा
का गहरा प्रभाव था। भगत सिंह के जन्म के समय
उनके पिता 'सरदार किशन सिंह' एवं उनके दो चाचा
'अजीतसिंह' तथा 'स्वर्णसिंह'अंग्रेजों के खिलाफ
होने के कारण जेल में बंद थे। जिस दिन भगतसिंह
पैदा हुए उनके पिता एवं चाचा को जेल से रिहा
किया गया। इस शुभ घड़ी के अवसर पर भगतसिंह के
घर में खुशी और भी बढ़ गई थी।
भगतसिंह के जन्म के बाद उनकी दादी ने उनका नाम
'भागो वाला'रखा था। जिसका मतलब होता है
'अच्छे भाग्य वाला'। बाद में उन्हें 'भगतसिंह' कहा
जाने लगा। वह 14 वर्ष की आयु से ही पंजाब की
क्रांतिकारी संस्थाओं में कार्य करने लगे थे।
डी.ए.वी. स्कूल से उन्होंने नौवीं की परीक्षा
उत्तीर्ण की। 1923 में इंटरमीडिएट की परीक्षा
पास करने के बाद उन्हें विवाह बंधन में बांधने की
तैयारियां होने लगी तो वह लाहौर से भागकर
कानपुर आ गए। फिर देश की आजादी के संघर्ष में ऐसे
रमें कि पूरा जीवन ही देश को समर्पित कर दिया।
भगतसिंह ने देश की आजादी के लिए जिस साहस के
साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुकाबला
किया,वह युवकों के लिए हमेशा ही एक बहुत बड़ा
आदर्श बना रहेगा।

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